डुबती हुई कश्ती का किनारा नहीं होता। दिल के मरिजो का सहारा नहीं होता। अजीब रीत है दुनिया की यहाँ वो भी इश्क करना चाहता है जिसे किसी दूसरे का प्यार गवार नहीं होता। wahid Khan #zabaneishq Dubti hui kashti shayri