बचपन और शैतानी डण्डे से गिल्ली उड़ाना,कंच्चे से कंच्चा टकराना नही भूलता हूँ आज भी मैं कोई खेल पुराना गुड्डे गुड़िया की शादी का एक खेल रचाये दीदी सब हंसते थे देख मेरा दुल्हन लेकर भाग जाना पकडन पकडाई में ज़रा मुश्किल था पकड़ना मुझको छुपन छुपाई में याद है रसोई से मिठाई उड़ाना याद कर खुद पर हंस लेता हूँ उन लम्हों को स्टापु और गिट्टों में नामुमकिन था मुझको हराना कमरे के दरवाजे के पीछे छिप छिप कर अक्सर याद है क्या वो लाल,हरा,काला चूरन खाना एक एक रुपैया करे इकट्ठा स्कूल बस्ते की जेब में रेवड़ी,मूंगफली और गज्जक से सण्डे को पार्टी मनाना नही भूलता हूँ आज भी मैं कोई खेल पुराना आमिल kon kon aisa krta tha😜😝😛😜😝😛 Dandde se gilli udaana,kanchhe se kanchha takraana Nhi bhoolta hu aaj bhi main koi khel puraana Gudde gudiya ki shaadi ka ek khel rachaye didi Sab haste the dekh mera dulhan lekar bhaag jaana