दिल का कहा फिर एक बार मान लेता हूँ चलो आज फिर से खुद को जान लेता हूँ | करता हूँ मैं वही जो एक बार ठान लेता हूँ चलो आज फिर से खुद को जान लेता हूँ | जो है दिल के करीब उसे जान कहता हूँ चलो आज फिर से खुद को जान लेता हूँ | आँखों से बहते दर्द को अब थाम लेता हूँ चलो आज फिर से खुद को जान लेता हूँ | राह जो मंज़िल तक जाये उसे थाम लेता हूँ चलो आज फिर से खुद को जान लेता हूँ | माने जिसे वो अधूरा पूरा प्यार कहता हूँ चले आज फिर से खुद को जान लेता हूँ || CS - मेरी कलम से #Introspection