कितना वक्त हो गया दोस्तों से खुल कर मिले हुए, कितना वक्त हो गया खुलकर मुस्कुराए हुए। कितना वक्त हो गया दोस्तों संग नुक्कड़ की चाय पिए हुए, कितना वक्त हो गया एक दूसरे की टांग खिंचाई किए हुए। एक दूसरे से सुख - दुःख की सारी बातें कह जाते थे, हफ्ते में कम से कम एक दिन तो हम सुकूँ के पल बिताते थे। सच है ये दोस्तों के बिना जिंदगी ही अधूरी है, जाने कब खत्म होगी बीच में आई जो दूरी है। उम्मीद है भरोसा भी है कि जिंदगी फिर से गुलजार होगी, दोस्त होंगे सुकूँ के पल होंगे और फिर वही चाय वाली शाम होगी।। #oldgoldendays #friends #memories #masti #missing