आज क्या इत्तेफ़ाक देखा, और सोचा तो , खुद में खुद की सोच का ही दोष पाया मूर्तिकार का आज अदभुद आकार देखा अष्टभुजी माॅं वाराही के मनभावन स्वरूप का दीदार देखा धन्य हो और धन्यवाद, खान भाई आपने कितनी शिद्दत से ये अदभुद मूर्ति बनाई नफरत की ये दूरियां प्यार से मिटाई मिटा दो , खुद से , खुद में हीं ये रेखा रेगिस्तान के रेत में हो पानी और ऊपर बरसे जैसे मेघा सोच और नियत साफ हो तो साथ मिल के पकवान बनाओ कभी Eid तो कभी Diwali मनाओ इस दशहरा अपने अंदर के रावण को दफनाओ तब जाकर कहीं दूसरा जलाओ 🤟✍️ ©Abhishek jha #JayMataDi🙏 #Nojoto #Love #RESPECT #we #us #me #Insaniyat #goddess #maa