मुकम्मल मेरी हर इबादत हुई है, तुम नज़र आये, आज क्या बरक़त हुई है। तेरे तसव्वुर में आके यूँ लगता है जैसे, दहलीज़-ए-जन्नत पर मेरी शिरकत हुई है। उन आंखों के जादू की बात ही क्या करूँ, तीर-ए-नज़र की आज तो कयामत हुई है। सैलाब जज़्बातों का अब संभले भी कैसे, दिल-ए-नादान की आज ये शिकायत हुई है। इंतज़ार का आलम अब तुम्हे क्या बताएं, एक मुद्दत से तुमसे मोहब्बत हुई है। बेताब थे मुलाकात को, मिलके यूँ लगता है, दिल की हसरतों में अब तो इफरत हुई है। मुहब्बत में शिकस्त का मज़ा ही कुछ और है, लो फिर आज तुम्हारी ही नुसरत हुई है..।। तुम नज़र आये.. #नज़र #बरकत #इबादत #मोहब्बत #nozoto #NozotoHindi #hindi #gazal