सुनो ना मित्र... कल है *ईद उल-फ़ित्र*, *ईदी* में तुम्हें दे रहे हैं, शब्दों की मीठी ठंडी ख़ीर, और क्या दें तुम्हें.. तुम हो शब्दों की मल्लिका, हम ठहरे सनकी से फ़कीर, *ईद मुबारक* तुम्हें *फरीदा* रौशनी की बनो तुम लकीर, *फरीदा*... बुरे दा भला कर, तुम सच्ची ही हो*बेनज़ीर* Dedicating a #testimonial to फ़क़त “फरीदा” #yqquotes #yqdidi #yqeidmubarak #yqkulbhushandeep #yqtestimonials