समंदर के किनारे लहरों को आते जाते देखकर सीखा है मैंने खुद मे खोजना, खोजकर फिर डुबकी लगाना... आसमान मैं घूमते बादलों को आते जाते देखकर सीखा है मैंने खुद को पहले भरना, भरकर फिर लुटाना... मेरे आस-पास आती जाती इन हवाओं को देखकर सीखा है मैंने खुद महत्वपूर्ण रहना, फिर भी ना जताना... तालाब के आसपास आते जाते उन पक्षियों को देखकर सीखा है मैंने खुद हर जगह घूमना, पक्के ठिकाने न बनाना... जलती आग में आती जाती उन लकड़ियों को देखकर सीखा है मैंने खुद जलना, जलकर दूसरों को रोशनी दे जाना। जंगल से आते जाते हैं उन पेड़ों के पत्तों को देखकर सीखा है मैंने मृत्यु को समझना, जीवन का उत्सव मनाना.. #प्रकृति बाहें फैलाए खड़ी है कभी देखो तो...🍃🌱☘️🍀🌿🌴 ☺️ सीखा है मैंने ✍🏻 समंदर के किनारे लहरों को आते जाते देखकर सीखा है मैंने खुद मे खोजना, खोजकर फिर डुबकी लगाना... आसमान मैं घूमते बादलों को आते जाते देखकर सीखा है मैंने खुद को पहले भरना, भरकर फिर लुटाना...