तुमसे प्यार नहीं होगा, रक्तिम तुम्हारी धमनियां, साज़ सैय्या के उपासक, कहां तुमको में टटोल पाऊंगी? जागा जो प्रेम उच्छवास, गुज़र जायोगे तुम मेरे आलिंगन से, स्वरचित एक मरीचिका बनेगा मेरा शरीर, प्राणों की आहुति देता हुआ। तुम्हारा मेरा होना....