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ज़रूरत ख़त्म होते ही यहां जब बदलते हैं लोग फ़िर


 ज़रूरत ख़त्म होते ही यहां जब बदलते हैं लोग
फ़िर दिल लगाने को भला क्यूं मचलते हैं लोग।

सब जानते हैं कि मुहब्बत है कातिलों का शहर
फ़िर उस शहर की राह पर क्यूं निकलते हैं लोग।

दुनियां वालों के लिए जो पत्थर दिल लिए फिरते हैं
फ़िर महबूब की जुल्फों तले क्यूं पिघलते हैं लोग।

अंजाम सबको मालूम है इस दुनियां में मुहब्बत का
सब जानते हुए भी "चंचल" क्यूं नहीं संभलते हैं लोग।

जब चाहते हैं ख़ुशी सब हमेशा अपने महबूब की
फ़िर रकीब के साथ देखकर उसे क्यूं जलते हैं लोग।


"चंचल" #Love #कृष्णवंशी#रवि

#CityEvening  यज्ञेश्वर वत्स Deepak Khansuli Deepak kashyap

 ज़रूरत ख़त्म होते ही यहां जब बदलते हैं लोग
फ़िर दिल लगाने को भला क्यूं मचलते हैं लोग।

सब जानते हैं कि मुहब्बत है कातिलों का शहर
फ़िर उस शहर की राह पर क्यूं निकलते हैं लोग।

दुनियां वालों के लिए जो पत्थर दिल लिए फिरते हैं
फ़िर महबूब की जुल्फों तले क्यूं पिघलते हैं लोग।

अंजाम सबको मालूम है इस दुनियां में मुहब्बत का
सब जानते हुए भी "चंचल" क्यूं नहीं संभलते हैं लोग।

जब चाहते हैं ख़ुशी सब हमेशा अपने महबूब की
फ़िर रकीब के साथ देखकर उसे क्यूं जलते हैं लोग।


"चंचल" #Love #कृष्णवंशी#रवि

#CityEvening  यज्ञेश्वर वत्स Deepak Khansuli Deepak kashyap