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स्वामी विवेकानंद जी, "यत्र जीव, तत्र शिव" को मानते

स्वामी विवेकानंद जी, "यत्र जीव, तत्र शिव" को मानते थे l

अर्थात जहां जीव है, वहां शिव (ईश्वर) होता है, प्रत्येक जीव चाहे वह कोई भी धर्म, समाज से संबंध रखते हैं वे सब एक हैं, कोई ऊंच - नीच, अमिर - गरीब नहीं होता है, हमें हर जीव को ईश्वर का स्वरूप मानकर सबकी निस्वार्थ भावना से सेवा करनी चाहिए l यही मानव धर्म हैं l
🙏स्वामी जी की पुण्यतिथि पर सत सत नमन 🙏

©khalifa dahariya एक महान सन्यासी, समाजसेवी युग पुरुष स्वामी विवेकानंद जी को पुण्यतिथि पर सत सत नमन 🙏
#DailyMessage #nojohindi#nojotowritter #nojohindi #विवेकानंदthoughts 
#VivekanandThoughts
स्वामी विवेकानंद जी, "यत्र जीव, तत्र शिव" को मानते थे l

अर्थात जहां जीव है, वहां शिव (ईश्वर) होता है, प्रत्येक जीव चाहे वह कोई भी धर्म, समाज से संबंध रखते हैं वे सब एक हैं, कोई ऊंच - नीच, अमिर - गरीब नहीं होता है, हमें हर जीव को ईश्वर का स्वरूप मानकर सबकी निस्वार्थ भावना से सेवा करनी चाहिए l यही मानव धर्म हैं l
🙏स्वामी जी की पुण्यतिथि पर सत सत नमन 🙏

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एक महान सन्यासी, समाजसेवी युग पुरुष स्वामी विवेकानंद जी को पुण्यतिथि पर सत सत नमन 🙏 #DailyMessage #nojohindi#nojotowritter #nojohindi #विवेकानंदthoughts #VivekanandThoughts