हां महसूस होती है अब इसे कमी भी कहूं तो कैसे जब बेपनाह उसकी याद सताती है हां कमी सी महसूस होती है वो दरिया के किनारे से लौट गए और खुद हम उन दरिया की लपटो में समा से गए हां महसूस होती एक कमी सी एक जज्बा एक ललक एक उमग सी छाई हुई थी एक अरसा पहले वो बाते अनकही सी वो हंसी अनछुई सी वो लफ्ज़ अनसुने से थे एक अरसा पहले सब बेबाक सी किसी फीकी मिठाई सी लगने लगी है हां मशरूफ हो सकता हूं खुद से और कह सकता हूं कमी सी महसूस होती है✍️✍️ मेरी कलम✍️✍️ कमी महसूस होती है' आख़िर क्यों। Collab करें YQ Didi के साथ। #कमीहै #collab