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तेरे दिल के सिवा न मेरे दिल ने कोई दर देखा। तू नज़

तेरे  दिल के सिवा न मेरे दिल ने कोई दर देखा।
तू नज़र आया मुझे मैनें मुड़कर के जिधर देखा।।

ख़ुदा जाने कौन सी करामात थी उसमें यार,
उसकी एक एक बात का दिल पे असर देखा।

वस उसी दिन से मैं "मैं" न रहा "वो" हो गया,
जिस दिन मैंने उसे नज़र भरकर देखा।

मुझपे पांबदी थी ख़्याव देखने पे लगी,
मैंने वो ख्याव जमाने से छुपकर  देखा।

उसे जाना था अौर मुझे पास रखने की चाहत,
कश्मकश से भरा मेरी आँखों ने ये मंजर देखा।

"तन्हा" चल दिया परवाना ख़ाक होने को,
जलते हुये  "लौ" को उसने जिधर देखा।

©Rajesh Kumar"Tanha" #tanhawritings 
#tanhagazal Preeti Himanshu Gupta Rohan davesar Mamta Sharma pankaj tiwari
तेरे  दिल के सिवा न मेरे दिल ने कोई दर देखा।
तू नज़र आया मुझे मैनें मुड़कर के जिधर देखा।।

ख़ुदा जाने कौन सी करामात थी उसमें यार,
उसकी एक एक बात का दिल पे असर देखा।

वस उसी दिन से मैं "मैं" न रहा "वो" हो गया,
जिस दिन मैंने उसे नज़र भरकर देखा।

मुझपे पांबदी थी ख़्याव देखने पे लगी,
मैंने वो ख्याव जमाने से छुपकर  देखा।

उसे जाना था अौर मुझे पास रखने की चाहत,
कश्मकश से भरा मेरी आँखों ने ये मंजर देखा।

"तन्हा" चल दिया परवाना ख़ाक होने को,
जलते हुये  "लौ" को उसने जिधर देखा।

©Rajesh Kumar"Tanha" #tanhawritings 
#tanhagazal Preeti Himanshu Gupta Rohan davesar Mamta Sharma pankaj tiwari