"भ्रूण बेटी की पुकार " =============== ऐ मां तेरी बेटी हूँ ,मुझे दिल में बसा रखना....! आऊँ तेरे जीवन में, बेटे की तरह रखना....! कच्ची सी कली हूँ मां, पकने ही ना मैं पायी....! मुरझाऊँ ना मां मैं कभी, कुछ ऐंसा जतन करना ....! आऊँ तेरे जीवन में, बेटे की तरह रखना .....! एक आश लगी मन में, आऊँ तेरे गुलशन में.....! मुझको तुम ए मां मेरी, फूलों की तरह रखना....! आऊँ तेरे जीवन में, बेटे की तरह रखना......! जब जनम् हो मां मेरा, आऊँ तेरे आँगन में...! नव दीप जला कर तुम ,द्वारे को सजा रखना....! आऊँ तेरे जीवन में, बेटे की तरह रखना.....! अँधकार भरे पथ पर ,गर मैं जो भटक जाऊँ.....! हाँथों में सदा ही तुम, दीपक को जला रखना.....! आऊँ तेरे जीवन में,बेटे की तरह रखना.......! - शिवशंकर पाठक "शिवसागर" सागर, मध्यप्रदेश ©Shivshankar pathak #roseday#कविता #भ्रूण बेटी की पुकार