जाने क्यूं मैं खुशी को, अनजान चेहरों पर ढूंढता रहा, एक लंबे अरसे तक वक़्त को, यूं ही जाया करता रहा, मुमकिन होता कि वक़्त में, मैं पीछे जा पाता, कुछ था कि जिसको मैं, ज़िन्दगी के पन्नों से मिटा पाता। पर अजीब है ना , ज़िन्दगी यूं ही चलती रहेगी, हर एक सांस के साथ, वो ढलती रहेगी, कुछ नयी तलाश के साथ, ये ज़िन्दगी यूं ही, चलती रहेगी।। #the#true#happiness#is#inside☺️