सुना हैं आजकल कई घंटों शीशे के सामने बैठकर तुम अपनी जुल्फे सवारा करती हो कोई बात है क्या...??? देखा है तुम्हारे चाल में एक अजीब सी खामोशी हैं दस्तक तो तुम ज़रूर देती हो मेरी दहलीज पर मगर उस दस्तक की आवाज़ तक सुनाई नहीं देती कोई बात है क्या___??? ना जाने क्यों ये मोड़ आया तुम्हारी जिंदगी में ऐ#गालिब बात अगर मुझ से जुड़ी हो तो बताना क्योंकी मै तुम्हारी ज़िन्दगी का काटा नहीं बल्कि आे फूल हूं जो तुम्हारे पैरो को दर्द नहीं सिर्फ हमारे ना होने का ऐहसास कराएगी ✍️ #सूरज अग्रवाल......✍️ #कोई बात है क्या...????