ख़ामोश है पर चीख़ना चाहते है, चिल्लाना चाहते है, लड़ना चाहते है अपनी बात कहना चाहते है, पर हक़ में ख़ुद के कुछ नहीं चाहते है..!! तहरीर के लिए अल्फ़ाज़ चाहते है ज़ज़्बात के लिए ज़ुबाँ चाहते है जो बिन समझाये ब्यां कर सके वो आवाज़ चाहते है,, कहना तो बहुत कुछ चाहते है पर अब हम ख़ामोश रहना चाहते है..!! (@kkü)✍️ الفاظ ے جمشید ✍️ ©Jamsheed Safeer #ख़ामोशी_अच्छी_लगती_है #ख़ामोश_लफ्ज़ #जमशीदअल्फ़ाज