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तेरी मर्जी से ढल जाऊं हर बार, ये तो मुमकिन नहीं। म

तेरी मर्जी से ढल जाऊं हर बार,
ये तो मुमकिन नहीं।
मेरा भी कोई वजूद है,
मैं आइना तो नही।।

©nirankar pandey
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