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"वक़्त ही है गुजर जाएगा" मजबूरियों के हाथ जब बिक

"वक़्त ही है गुजर जाएगा"

मजबूरियों के हाथ जब बिक जाते हैं ज़ज्बात, 
सवाल पूछती हैं दुनिया लोग हो जाते हैं बेज़ुबान I 

पर मत घबराना मंजिले मुसाफिर ये वक़्त ही है गुजर जाएगा, 
मेहनत लाएगी जब रंग तेरी भी ज़माने में ये बुड़ा दिन भी गुजर जाएगा I 
ये तनाव बखूबी हट जाएगा, जब अभाव कहीं दूर सिमट जाएगा।
और जब चमकने लगेगा  तुम आसमाँ में चाँद सितारों की तरह, 
तब लोग वही रहेंगे लेकिन उनका अल्फाज़ बदल जाएगा I 

इस ज़माने की रीत बड़ी अजीब है असफल देख हंसती है और सफल देख जलती है, 
प्रयासों से इन्हें कोई मतलब नहीं बस परिणाम देख वाह!वाह!करती है।
इसलिए ज़माने की बातों से न तुम बदल अपनी मंजिल श्याम, 
क्यूंकि ये कभी हाथ नहीं हमेशा पैर ही खींचती है।

Written by✍️✍️-Radhe Shyam

©Radhe Shyam
  #Taajmahal