गर्मी, पॉल्यूशन से ऊब कर फिर से पहाड़ों में जाता है जंगल, नदी तालाब और मिट्टी के एहसान गिनता है तालाब में नहाता है, बचपन की बात अपने बच्चो से बताता है, तालाब के महत्व को समझता है । जंगल, पहाड़ों से जाने का जी नहीं करता हैं फिर भी और पैसे कमाने शहर जाता है पैसे कमा कर फिर से गांव आता है। इस बार अपने पूर्वजों के बनाए तालाब में मिट्टी भरता है, तालाब को ज़मीन बनाकर उस जमीन की बोली लगता है, पैसे की लालच में अपने पूर्वजों के तालाब को बेच जाता है। नई गाड़ी खरीदता है AC लगवाता है, शहर जाकर फिर से गर्मी और पॉल्यूशन को कोसता है । ये इंसान ऐसे ही शहर से ऊब ने पर गांव और पहाड़ जाता है जंगल, नदी तालाब घूमता है, प्रकृति को भगवान बताता है और अपने गांव को शहर बनाता है । एक दिन सारा गांव शहर बन जाता है, सभी नदियां नाला बन जाती है है, अब शहर से ऊबने पर कही जा भी नहीं पाता है Frastrate होकर शहर में ही मर जाता है, किस्मत इतनी ©Nisha Yadav #Polution #whenpopulationfreedaycelebrate #nojota #NatureLove #notcutthetree