आज भी उसकी बालों कि खुशबू, मेरे ज़हन में आती है। मै सोना चाहता हूं रातों को, पर उसकी यादे मुझे सारी रात जगाती हैं। हर रात दिल कि गलती कि सजा, आंखें चुकाती हैं, भले हीं लाल हो जाए आंखें, पर तकिए को पुरा भिगाती हैं। आज भी उसकी बालों कि खुशबू, मेरे ज़हन में आती है। उसने भुला दिया मुझे, ये कह कर,मेरी मजबूरी है, पर आज भी वो शक्श बाजारों में, किसी और के दिख जाती हैं, और फिर उस रात दिल कि गलती की सजा, आंखें चुकाती है आज भी उसकी बालों की खुशबू, मेरे ज़हन में आती है Karan Tiwari Mere Alfaz, Write by-Karan Tiwari