Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुबह सुबह जैसे ही समाचार पत्र उठाया यह खबर देखकर द

सुबह सुबह जैसे ही समाचार पत्र उठाया यह खबर देखकर दिमाग देने गया कि जिसकी आशंका भी नहीं थी वह खबर बड़े बड़े अक्षरों में आंखों के सामने आए रूस यूक्रेन में युद्ध लंबा खिंचा दोगी उस जो आदि का संकट पैदा हो जाएगा इस खबर में उतना ही अधिक परेशान नहीं किया जितना इसके नीचे लाइन में किया कि ऐसा होने के कारण बियर के उत्पाद पर असर पड़ेगा और उसकी महंगे होने की आशंका है ऐसे पढ़ते ही चाय आदि सब भूल बैठा एक ही तो पैदा की पाया कि बचपन से अभी तक लेकिन वही रोक दो देशों की जंग में मुश्किल में फंसते दिखाई देने लगा तुरंत पूर्ति दिमाग में आदेश दिया कि दुकान खोलते ही 10 12 बेटियां लेकर रख लो बाद ही बाद में देखी जाएगी दिल पसंद होता उससे पहले ही याद आया कि मतदाता होने के कारण दुकान तो पिछले साल से बंद है दिल में सवाल उछाला तो दिमाग से उसकी कोई बात नहीं मोहल्ले में उससे बड़े कारोबार में संपर्क कर लो जो इसी में व्यापार करते हैं और के पास तक पहुंच तो देखा कि उसकी कोटि के मालिक है उसका कोई किरायेदार तो नाराज नहीं आरी मनुष्य जरूर दिखाई दिए थे लगा कि कुछ विशेष बात नहीं है तो सोचा घर की तरफ वापस लौटा हूं कि उसके किसी व्यक्ति से शाम को बात करते हैं इंटरनेट मीडिया के अपने जरूरी कर्तव्यों का निर्वाह करने के बाद जैसे ही सोने की कोशिश की तो शोरगुल सुनाई दिया खिड़की खोलकर देखा की हिम्मत नहीं थी लगा कि कोई बम भोले खिड़की की तरफ से गुजर जाए

©Ek villain #जंग का मैदान बना दिल दिमाग

#Moon
सुबह सुबह जैसे ही समाचार पत्र उठाया यह खबर देखकर दिमाग देने गया कि जिसकी आशंका भी नहीं थी वह खबर बड़े बड़े अक्षरों में आंखों के सामने आए रूस यूक्रेन में युद्ध लंबा खिंचा दोगी उस जो आदि का संकट पैदा हो जाएगा इस खबर में उतना ही अधिक परेशान नहीं किया जितना इसके नीचे लाइन में किया कि ऐसा होने के कारण बियर के उत्पाद पर असर पड़ेगा और उसकी महंगे होने की आशंका है ऐसे पढ़ते ही चाय आदि सब भूल बैठा एक ही तो पैदा की पाया कि बचपन से अभी तक लेकिन वही रोक दो देशों की जंग में मुश्किल में फंसते दिखाई देने लगा तुरंत पूर्ति दिमाग में आदेश दिया कि दुकान खोलते ही 10 12 बेटियां लेकर रख लो बाद ही बाद में देखी जाएगी दिल पसंद होता उससे पहले ही याद आया कि मतदाता होने के कारण दुकान तो पिछले साल से बंद है दिल में सवाल उछाला तो दिमाग से उसकी कोई बात नहीं मोहल्ले में उससे बड़े कारोबार में संपर्क कर लो जो इसी में व्यापार करते हैं और के पास तक पहुंच तो देखा कि उसकी कोटि के मालिक है उसका कोई किरायेदार तो नाराज नहीं आरी मनुष्य जरूर दिखाई दिए थे लगा कि कुछ विशेष बात नहीं है तो सोचा घर की तरफ वापस लौटा हूं कि उसके किसी व्यक्ति से शाम को बात करते हैं इंटरनेट मीडिया के अपने जरूरी कर्तव्यों का निर्वाह करने के बाद जैसे ही सोने की कोशिश की तो शोरगुल सुनाई दिया खिड़की खोलकर देखा की हिम्मत नहीं थी लगा कि कोई बम भोले खिड़की की तरफ से गुजर जाए

©Ek villain #जंग का मैदान बना दिल दिमाग

#Moon
sonu8817590154202

Ek villain

New Creator