वर्षा शीत और गर्मी बीती कई बरस तक तंबू में। अखिल जम्बू था राम का अब राम ही रहेंगे जम्बू में कवि नंदकिशोर कुशवाह ©kishor डॉ.अजय कुमार मिश्र चेतन पंडित देदला