विचरते थे विचरते है विचरते सब रहेंगे अब सदा ही आप मोदी जी ,निखरते ही रहेंगे अब। यकीनन आप ने साबित किया ये तो विरासत है, ये उपवन है , यहां गुल रोज खिलते ही रहेंगे अब एक मुक्तक देश के प्रधानमंत्री को समर्पित