तार टूटे रहे थे जब विश्वास के समझा लेना था मुझे, रास्ता यह ग़लत चले दिए हैं बता देना था मुझे, परवाज़ भरी शंकाओं को काश तुम रोक पाते, जब नज़र प्यार हो चुका था तुम क्या समझाते, फिर तुमसे प्यार होने लगा था तब रोक लेना था मुझे, गलती फिर से दोहराने लगी कह टोक देना था मुझे, आईने पर आई थी दरारें हमसे भी अक्स देख रहे, देख चेहरा फरेब का , हम फिर भी मौन रहे, खुद हो अंधेरे कुएं में धकेल रही हूं रोक लेना था मुझे, वेवजह वफा-परस्ती की उम्मीद कर रही सोच देना था मुझे, अंधेरी रातों में अब कोई आवाज नहीं आएगी बोल देना था, मजाज़ ए धोखा है सब, बंधी पट्टी आंखों पे खोल देना था। रोक लेना था मुझे... #रोकलेनाथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi