जब मनुष्य के सभी सत्कर्म और दुष्कर्म बराबर हो जाएं तो उसे ही मोक्ष की संज्ञा दी गई है परन्तु प्रायोगिक तौर पर यह संभव नहीं है, अतएव मनुष्यों का धर्म है कि वो अपने उत्तदायित्वों का निरन्तर निर्वहन करता रहे ,लोग कुछ दिन ज़रूर याद करते रहेंगे... #हैपी जौनपुरी" #विचार