क्यों मांगती हो मिन्नतें, क्यों पूजती दरगाह हो.. हाँ कर दो क़त्ल भी, दिल में अगर चाह हो.. आओ देखो मुझे टूटते, पात भांति शाख से.. आओ देखो जिस्म मिलते, आग से फिर, राख से.. मुझे बिखरता हुआ देखो, दफ़न होते हुए देखो.. ज़िंदा था अब तलक 'निर्लज़', कफ़न होते हुए देखो.. दगा कि ओस में लिपटी, वफ़ा में खोते हुए देखो..! ख़ाक होते हुए देखो, मुझे रोते हुए देखो..!! ©Nirlazz Nirlazzz_ROTE HUE DEKHO Please follow for more ❤🤍🖤 #nojoto #love #poetry #nojotoapp #poetrycommunity #Nirlazzz #poetsofindia #igwriters #shayari #Quote Roy MeghA.....♥♥