Nojoto: Largest Storytelling Platform

ऐसी राहों पर चलते ही ना तो बेहतर होता जहाँ मंजिल

ऐसी राहों पर चलते ही ना तो बेहतर होता 

जहाँ मंजिल न हो 

बहुत खल रहा है हमें यूँ अकेले भटकना 

                                          - twinkle ख़लिश
ऐसी राहों पर चलते ही ना तो बेहतर होता 

जहाँ मंजिल न हो 

बहुत खल रहा है हमें यूँ अकेले भटकना 

                                          - twinkle ख़लिश

ख़लिश #Shayari