पहली मुलाकात की कुछ यादें आज याद आ गए। निकले थें सफर पे एक दूसरे से परे। खड़ी वो भी थी, चल हम भी नहीं रहे थे। लडखडाती रही कदमें और हम बड़ भी नहीं रहे थे। वो लड़ाने लगी निगाहें मुकर हम भी नहीं रहे थे। वो आने लगी ओर हमारी पर खुद को मोड़ हम नहीं रहे थें। जाना था कहाँ उसे वो भूल गई उस वक़्त।। हद तो तब गया जब दिशा मेरा मुझे भी मालूम न रहें। ©Ps Chandel कुछ यादें आज याद आ गए। #alone