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इश्क़ कहूं, इबादत कहूं, मोहब्बत कहूं,या फिर कहूं

इश्क़ कहूं, इबादत कहूं, 
मोहब्बत कहूं,या फिर कहूं बंन्दगी
नये साल की पहली सुबह को ,
जो  मिल जाए तेरे हाथों की चाय
तो यकी जानों मिल जाए मुझको जिंदगी अक्सर हम सब बड़ी बड़ी खुशियों को हासिल करने के चक्कर में छोटी छोटी खुशियों को भूल जाते हैं। 
ठीक वैसे ही, जैसे आसमान में उड़ान भरने के चक्कर में हम यह भूल जाते हैं कि हमारे पांव जमीन पर ही टिके होते हैं।
अक्सर हम सारी दुनियां को खुश करने हेतु अपने परिवार को ही भूल जाते हैं।और कभी कभी अपने परिवार को खुश करने के चक्कर में हम खुद को ही भूल जाते हैं।
पर क्या, हमने कभी यह सोचा है कि अगर हम स्वयं नहीं खुश होंगे तो परिवार को कैसे खुश रखेंगे,और अगर परिवार को ही नहीं खुश रख पाए,तो समाज के लिए कहा से कुछ कर पाएंगे?

तो दोस्तों इस नए साल में सबके साथ साथ आप सब अपनी ख्वाहिशों और अपनी खुशियों का भी ख्याल रखिए।
बिते हुए साल ने हमें बहुत कुछ सिखाया, सबसे बड़ी बात की उसने हमें आज में जीना सिखाया।
और आज है नये साल की पहली सुबह 🥰
इश्क़ कहूं, इबादत कहूं, 
मोहब्बत कहूं,या फिर कहूं बंन्दगी
नये साल की पहली सुबह को ,
जो  मिल जाए तेरे हाथों की चाय
तो यकी जानों मिल जाए मुझको जिंदगी अक्सर हम सब बड़ी बड़ी खुशियों को हासिल करने के चक्कर में छोटी छोटी खुशियों को भूल जाते हैं। 
ठीक वैसे ही, जैसे आसमान में उड़ान भरने के चक्कर में हम यह भूल जाते हैं कि हमारे पांव जमीन पर ही टिके होते हैं।
अक्सर हम सारी दुनियां को खुश करने हेतु अपने परिवार को ही भूल जाते हैं।और कभी कभी अपने परिवार को खुश करने के चक्कर में हम खुद को ही भूल जाते हैं।
पर क्या, हमने कभी यह सोचा है कि अगर हम स्वयं नहीं खुश होंगे तो परिवार को कैसे खुश रखेंगे,और अगर परिवार को ही नहीं खुश रख पाए,तो समाज के लिए कहा से कुछ कर पाएंगे?

तो दोस्तों इस नए साल में सबके साथ साथ आप सब अपनी ख्वाहिशों और अपनी खुशियों का भी ख्याल रखिए।
बिते हुए साल ने हमें बहुत कुछ सिखाया, सबसे बड़ी बात की उसने हमें आज में जीना सिखाया।
और आज है नये साल की पहली सुबह 🥰
mamtasingh9974

Mamta Singh

Bronze Star
New Creator
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