नोटबंदी याद है , कोरोना वायरस की एंट्री याद है , देशबंदी याद है , बेरोजगारी याद है , भुखमरी याद है , कोरोनामरी का रोना याद है , दवा का अभाव याद है , अस्पताल में जगह न मिलना याद है , आक्सीजन की कमी याद है , अपनों को बिना देखे विदा करना याद है , बेटियों की दूरी से कई गई विदाई याद है , बहुओं का आधा अधूरा गृहप्रवेश याद है , कोरोना वैक्सीनेशन पर ज़ोर देना याद है , कोरोना वैक्सीन का अनुपलब्ध होना याद है , वैक्सीनेशन के बाद परिजनों का मौत के मुँह में जाना याद है , भूल गए तो क्या भूल गए हैं ? यारो खुलकर जीना, खुशी से जीना, बस यही एक बात, चीज, तरीका, ढंग भूल गए हैं,..,,.., जीना भूल गए हैं.... १०९/३६५@२०२१ जीना भूल गए... #जीनाभूलगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi original yreeta-lakra-9mba #जीवन #कोरोनाकाल