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चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है मैंने जन्नत तो नह

चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी मुनव्वर राना poetry
चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी मुनव्वर राना poetry
harpreetsingh9475

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मुनव्वर राना poetry