#OpenPoetry कुछ न रहा,हम भी न रहेंगे एक दिन इस जहां में लेकिन चाहेंगे कि कुछ यादें हमारी फूल सी महके इस जहां में तमन्नाएं पूरी कहां होती हैं सभी की यहां पे फिर भी तमन्ना हैं कि तमन्ना मेरी रह जाए इस जहां में किसने देखा कि जाने के बाद क्या होता हैं वहां पे चाँद न सही तारे की तरह चमकना चाहेंगे इस जहां में हँसे होंगे,रोये होंगे वो यादें होंगी जाने कहाँ पे लेकिन इच्छा हैं कुछ यादें याद बनकर याद आए इस जहां में #OpenPoetry #याद #तमन्नाएं #पूरी तमन्ना अधूरी