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दोहा- श्यामल छबि तन पीत पट, मोर मुकुट प्रभु माथ।

दोहा- श्यामल छबि तन पीत पट, मोर मुकुट प्रभु माथ।
         युगल चरन में शत नमन, करूँ जगत के नाथ।।

चौपाई- जय गिरिधर जय -जय व्रजनंदन। 
           जोरि पानि हम करते   वंदन।।

तव पद पंकज नावहुँ शीशा 
आरति हरहु मोर जगदीशा।।

परम शक्ति तव राधे रानी। 
वंदहि  देवर्षि: अरु ध्यानी।।

देवराज कर मान नसाई।
अरु बिरंचि अभिमान हटाई।।

पंच शत्रु मोहि घेरे ठाढ़े। 
अवगुन दोष सकल हैं बाढ़े।।

त्राहिमाम प्रभु!शरण तिहारी।
हौं प्रसन्न अब पातकहारी।।

दोहा- जय माधव रणबाँकुरे!, नमन प्रेम अवतार।
     कण कण में छवि आपकी, महिमा अमित अपार।। #जन्माष्टमी #श्रीकृष्ण #कृष्णमेरे #krishna    #poem  #poetry #lovequote 

दोहा- श्यामल छबि तन पीत पट, मोर मुकुट प्रभु माथ।
         युगल चरन में शत नमन, करूँ जगत के नाथ।।

चौपाई- जय गिरिधर जय -जय व्रजनंदन। 
           जोरि पानि हम करते   वंदन।।
दोहा- श्यामल छबि तन पीत पट, मोर मुकुट प्रभु माथ।
         युगल चरन में शत नमन, करूँ जगत के नाथ।।

चौपाई- जय गिरिधर जय -जय व्रजनंदन। 
           जोरि पानि हम करते   वंदन।।

तव पद पंकज नावहुँ शीशा 
आरति हरहु मोर जगदीशा।।

परम शक्ति तव राधे रानी। 
वंदहि  देवर्षि: अरु ध्यानी।।

देवराज कर मान नसाई।
अरु बिरंचि अभिमान हटाई।।

पंच शत्रु मोहि घेरे ठाढ़े। 
अवगुन दोष सकल हैं बाढ़े।।

त्राहिमाम प्रभु!शरण तिहारी।
हौं प्रसन्न अब पातकहारी।।

दोहा- जय माधव रणबाँकुरे!, नमन प्रेम अवतार।
     कण कण में छवि आपकी, महिमा अमित अपार।। #जन्माष्टमी #श्रीकृष्ण #कृष्णमेरे #krishna    #poem  #poetry #lovequote 

दोहा- श्यामल छबि तन पीत पट, मोर मुकुट प्रभु माथ।
         युगल चरन में शत नमन, करूँ जगत के नाथ।।

चौपाई- जय गिरिधर जय -जय व्रजनंदन। 
           जोरि पानि हम करते   वंदन।।