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लौट नहीं सकता अब दिले बिस्मिल मुझ तक फ़ना हुआ जो

लौट नहीं सकता अब 
दिले बिस्मिल मुझ तक 
फ़ना हुआ जो तेरी मुहब्बत मे 
कभी खामी देखि मुझमे 
कभी कमतर लगी तुझे मै
हाले दिल खाक नहीं पढ़ा 
तूने मेरा

©Nikhat khan
   Adhuri Hayat  J P Lodhi.  SHAIZ  heartlessrj1297  परिंदा