जब उनसे अपनी मजबूरी कहने लगे तब लगा कि हम दर्द सहने लगे यूँ तो अब तलक ये आंखें सख्त थीं उस लम्हा-ए-माहौल में ये अश्क बहने लगे खूबसूरती निखारते उस अहम लम्हे की ये अश्क मेरी आँखों में कोई गहने लगे उस मुलाकात का अंजाम कुछ यूँ हुआ विश्वास रूपी घर अश्कों में ढहने लगे उनकी मोहब्बत के साथ दोस्ती भी खो बैठे हम जीते जी मृत के जैसे रहने लगे #NojotoQuote #SochSePare