गुमनाम सी हो गई है अब चाहत तेरी कहीं अब वो जुनून मोहब्बत में रहा नहीं सुकून मिलता तो होगा तुझे किसी गैर की बाहौं में इन बाहौं में अब बो मजा रहा नहीं कितना मुशकिल है किसी अपने को गैर बनाना तुझे क्या मालूम क्योंकि किसी गैर से तू शायद मिला नहीं #dil ki zubaan