ना छेड़ किस्सा-ए-उल्फत, बड़ी लम्बी कहानी है, मैं जमाने से नहीं हारा, बस "सतिगुरु" की बात मानी है... ना छेड़ किस्सा-ए-उल्फत,बड़ी लम्बी कहानी है, मैं जमाने से नहीं हारा,बस "सतिगुरु" की बात मानी है...