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जब से दहलीज पे जवानी की रखे हैं कदम, न, जाने कित

जब से दहलीज पे
 जवानी की रखे हैं कदम, न,

जाने कितने मेहरबां
 और कितने मिले हैं हमदम।

हर दिन की तरह रोज़ 
बदलते रहे रिश्ते, अब जाके

 मेरे दिल को करार आया,
"कोई तो है जो" मुझे समझता है।

©Anuj Ray
  # जबसे दहलीज पे जवानी के
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Anuj Ray

Bronze Star
New Creator
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# जबसे दहलीज पे जवानी के #कविता

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