एक बात कहनी थी तुम्हारा यू नजदीक आना मोहब्बत नहीं है तो यह क्या है देखकर मुझको यूं मुस्कुराना उल्फत नहीं है तो क्या है गुमनामी की गाढ़ी चादर ओढ़े सोता था यह अपनी ही धुन में सोए दिल में यूं ख्वाब जगाना उल्फत नहीं है यह तो क्या है रात रात भर तारे है यह गिनता दिल की हालत अब यह पूछो ना दिल को यूं ना करना दीवाना उल्फत नहीं है यह तो क्या है ©ashish gupta #नजदीक तुम्हारा यू नजदीक आना मोहब्बत नहीं है तो यह क्या है देखकर मुझको यूं मुस्कुराना उल्फत नहीं है तो क्या है