क्या टटोल रही वहां, वहां कुछ भी नहीं मिलता । मिरी जां बैठ जा ज़मीं पे,सुकूं आसमां में नहीं मिलता ।। परिंदे थक जाते वहां,सहारा उसे कोई भी नहीं मिलता । मिरी जां बैठ जा ज़मीं पे,सुकूं आसमां में नहीं मिलता ।। तन्हाइयों और सन्नाटे के सिवाय,कुछ भी वहां नहीं मिलता । मिरी जां बैठ जा ज़मीं पे,सुकूं आसमां में नहीं मिलता ।। जमीन को छोड़,आसमां में कोई गुजारा नहीं कर सकता । मिरी जां बैठ जा ज़मीं पे,सुकूं आसमां में नहीं मिलता ।। अजनबियों के भीड़ में ,वहां कोई अपना नहीं मिलता । मिरी जां बैठ जा ज़मीं पे,सुकूं आसमां में नहीं मिलता ।। ऊच्चाइयों से गिरते को, सहारा कोई कुछ भी नहीं देता । मिरी जां बैठ जा ज़मीं पे,सुकूं आसमां में नहीं मिलता ।। मिरी जां बैठ जा ज़मीं पे,सुकूं आसमां में नहीं मिलता ....... #yqgazal #yqtwoliners #yqtwolineshayari #yqghazaal #yqbaba #yqdidi