लोग कहते है की प्यार और प्यार में धोखा तोड़ देता है मगर मेरे हिसाब से मांझी ही नाव खुद मोड़ देता है कोई तूफान कभी कस्ती नही डुबाता डूबती है कस्ती तब जब मांझी कोशिशें छोड़ देता है!! मगर ये मेरी जिंदगी है कोई कस्ती नही जो डूब जाएगी गोते लाख खाए पर किनारे जरूर आएगी और पंकज का अर्थ है कमल जो महकाता है सबको आज नही तो कल ये बात सबको समझ आएगी!! मैं कोई दीवाना नही और ना ही किसी पे मरता हूं मैं जो भी दिल में आता है बस काम वही करता हूं मैं और पीठ पीछे बोलना मेरी फितरत नही जो भी कहता हूं लोगो के मुंह पे कहता हूं मैं!! कवि: इंद्रेश द्विवेदी (पंकज) ©Indresh Dwivedi #प्लीज_लाइक_एंड_फॉलो #Life