अपनी ख्वाहिशों का इतना एहतिराम ना कर अपनी धड़कनों को ऐसे गुलाम ना कर यूँ रोज रोज मिलने से जुड़ जाते हैं रिस्ते हर किसी से मिलकर तू यूँ सलाम ना कर Mona✍🏻 #एहतिराम