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वो जो बेचते थे जो दवा-ए-दिल, वो दुकान अपनी बढ़ा गए.

वो जो बेचते थे जो दवा-ए-दिल,
वो दुकान अपनी बढ़ा गए.!
हम मरीज़ थे इश्क़ के जख्मों का,
बेगुनाह दर्द से तड़पते रहे..!!
©Ajay

©Khamosh Zindagi वो जो बेचते थे जो #दवा-ए-दिल,
वो #दुकान  अपनी बढ़ा गए.!
#हम #मरीज़ थे #इश्क़ के जख्मों का,
#बेगुनाह #दर्द से तड़पते रहे..!!
©Ajay 
#Pain #innocent #Love 
 Shreya Gupta अल्फ़ाज़ Yishu Tiwari SANDEEP RAJPOOT Qari Aadil malvi
वो जो बेचते थे जो दवा-ए-दिल,
वो दुकान अपनी बढ़ा गए.!
हम मरीज़ थे इश्क़ के जख्मों का,
बेगुनाह दर्द से तड़पते रहे..!!
©Ajay

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वो #दुकान  अपनी बढ़ा गए.!
#हम #मरीज़ थे #इश्क़ के जख्मों का,
#बेगुनाह #दर्द से तड़पते रहे..!!
©Ajay 
#Pain #innocent #Love 
 Shreya Gupta अल्फ़ाज़ Yishu Tiwari SANDEEP RAJPOOT Qari Aadil malvi