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मैं इश्क और महबूब कि क्या इल्तिज़ा करूं.. मैं शायरा

मैं इश्क और महबूब कि क्या इल्तिज़ा करूं..
मैं शायरा हुँ ,बाद शायरी के कीसे दिलरूबा करूं..।।

"रुमी" #WorldPoetryDay
मैं इश्क और महबूब कि क्या इल्तिज़ा करूं..
मैं शायरा हुँ ,बाद शायरी के कीसे दिलरूबा करूं..।।

"रुमी" #WorldPoetryDay