मैं तो हर बार, हर चीज़ में तुम से हार जाता हूँ । मान गया कि सारी गलतियाँ भी मेरी हैं, आखिर कब तक मैं उदास बैठा रहूँ अब तो दिल से हँसो साहिबा । अब तो दिल से हँसो साहिबा