असल जिंदगी की यूँ तमाम फ़िल्मों में हमने लगभग एक सा ही सीन देखा है किसी को कहीं अकेले-तन्हा मुस्कराते हुए तो किसी को महफ़िलों में ग़मगीन देखा है ख़ुशी और ग़म ज़िंदगी के बस दो ही रंग है जाने क्यों लोगों ने हर सपना रंगीन देखा है सादगी-पसंद हैं हम, सादा जीवन जीते हैं धोखे को अक्सर हमने बेहद हसीन देखा है वो झेंप रहा था कहकर यूँ, के सब ठीक है उसकी पलकों पे हमने कुछ नमकीन देखा है आज 'उसके पास' , 'उसके लिए' ही वक्त नहीं यादों में सनम जिसके दिल को तल्लीन देखा है ये अपना तजुर्बा है जो वक्त के साथ मिला माँ - बाबू जी के सिवा हर रिश्ता महीन देखा है ©technocrat_sanam Hlw everyone.. 😇 😅 Once again here I'm in front of ur eyes 👀 in form of few lines ⚟.. These are not only lines these are some told and untold stories of the different people.. 😇 You can easily relate them.. 😊🤗😅 Soooo enjoy it guys 😊🤩🤗🤩 फिल्म.. असल जिंदगी की यूँ तमाम फ़िल्मों में हमने लगभग एक सा ही सीन देखा है