सबकी ग्रहण करने की शक्ति अलग-अलग होती है यदि किसी भी जीव को एक साथ परम ऊर्जा से जोड़ दें तो वह तुरंत क्षण नष्ट हो जाएगा।जैसे परम शक्ति से मिलने के लिए विभिन्न माध्यमों का सहारा लेना पड़ता है। इसी कारण प्रकार शिष्य को गुरु का सहारा लेना पड़ता है। शिष्य में अल्प विकसित ऊर्जा होती है, जो कि गुरु के माध्यम से धीरे-धीरे परिपक्व बनाई जाती है। यदि शिष्य को गुरु के द्वारा एक साथ सारा ज्ञान उपलब्ध करा दिया जाए तो शिष्य में एक विस्फोट होगा और वह नष्ट हो जाएगा।इसीलिए शिष्य को गुरु की आवश्यकता भी पड़ती है और इस प्रश्न का जवाब भी देती है कि किसी भी शिष्य को संपूर्ण ज्ञान एक साथ, एक ही समय में उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है।सीखना और सिखाना एक सतत प्रक्रिया है,जो कि समय और धैर्य की मांग करता है। ©परिंदा #makarsankranti Kalki life quotes in hindi reality life quotes in hindi life quotes in hindi positive life quotes