ये शांत नदी सी चाल तुम्हारी जो मुझको बहकाती है, क्या यही है जो मुझे तुम्हारी ओर झुकाती है.. या तुम्हारी ये रेशमी ज़ुल्फें जो इतना लहराती है, क्या यही है जो मुझे तुम्हारी ओर झुकाती है.. झुकी झुकी नज़रे तुम्हारी शर्म ओ हया दर्शाती है, क्या यही है जो मुझे तुम्हारी ओर झुकाती है.. उफ्फ तेरी नाक की नथुनी जो इतना इतराती है, क्या यही है जो मुझे तुम्हारी ओर झुकाती है.. ये कान की बालियां तुम्हारी जो जुगनू की तरह चमचमाती है, क्या यही है जो मुझे तुम्हारी ओर झुकाती है.. हाए तुम्हारी ये मुस्कान जो मेरी जान ले जाती है... क्या यही है जो मुझे तुम्हारी ओर झुकाती है पाँव का वो काला धागा जो तुम्हें बुरी नजरों से बचाता है, क्या यही है जो मुझे तुम्हारी ओर झुकाता है.. सबसे परे स्वभाव तुम्हारा जिसने तुम्हें इतना खास बनाया है शायद यही है वो वजह जो मेरा दिल बस तुमपे आया है // #poetry#nojoto #love