#OpenPoetry अंबिका के नाथ और मोक्ष के जो द्वार दिखे शंकर कैलाश वाले वासी को नमन है। | रुद्र के वो रूप दिखे और भीमकाय लगे दया करुणा की ऐसी राशि को नमन है। | कालरात सामप्रिय वज्रनख वाले शिव रहते जहां है उस काशी को नमन है । देवों की सुरक्षा हेतु जिसने गरल पिया | ऐसे शिव शंभू अविनाशी को नमन है। #शिव शम्भु भोलेनाथ