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#OpenPoetry अंबिका के नाथ और मोक्ष के जो द्वार दिख

#OpenPoetry अंबिका के नाथ और मोक्ष के जो द्वार दिखे
शंकर कैलाश वाले वासी को नमन है।
| रुद्र के वो रूप दिखे और भीमकाय लगे
दया करुणा की ऐसी राशि को नमन है।
| कालरात सामप्रिय वज्रनख वाले शिव
रहते जहां है उस काशी को नमन है ।
देवों की सुरक्षा हेतु जिसने गरल पिया
| ऐसे शिव शंभू अविनाशी को नमन है। Pragati Maurya  
#शिव शम्भु भोलेनाथ
#OpenPoetry अंबिका के नाथ और मोक्ष के जो द्वार दिखे
शंकर कैलाश वाले वासी को नमन है।
| रुद्र के वो रूप दिखे और भीमकाय लगे
दया करुणा की ऐसी राशि को नमन है।
| कालरात सामप्रिय वज्रनख वाले शिव
रहते जहां है उस काशी को नमन है ।
देवों की सुरक्षा हेतु जिसने गरल पिया
| ऐसे शिव शंभू अविनाशी को नमन है। Pragati Maurya  
#शिव शम्भु भोलेनाथ